sidh kunjika No Further a Mystery



देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

This Mantra is composed in the form of the dialogue amongst a guru and his disciple. This Mantra is understood to get The true secret to a tranquil state of head. 

न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।

हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः



इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे read more

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।

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